Tuesday, December 14, 2021

 मैं घास हूँ

मैं घास हूँ

मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊँगा

बम फेंक दो चाहे विश्‍वविद्यालय पर

बना दो होस्‍टल को मलबे का ढेर

सुहागा फिरा दो भले ही हमारी झोपड़ियों पर

मेरा क्‍या करोगे

मैं तो घास हूँ हर चीज़ पर उग आऊँगा

बंगे को ढेर कर दो

संगरूर मिटा डालो

धूल में मिला दो लुधियाना ज़िला

मेरी हरियाली अपना काम करेगी...

दो साल... दस साल बाद

सवारियाँ फिर किसी कंडक्‍टर से पूछेंगी

यह कौन-सी जगह है

मुझे बरनाला उतार देना

जहाँ हरे घास का जंगल है

मैं घास हूँ, मैं अपना काम करूँगा

मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊँगा ।

--पाश

I AM GRASS

See! I’m grass.

I’ll undo your seasoned efforts.

I’ll grow in every nook and corner.

Whether you bomb the university,

Turn the hostel into debris

Or dislol ate our huts,.

But what will you do to me ?

You know I’m grass

I’ll grow on every possible surface.

Destroy Banga or Sangroor,

Put Ludhiana District to dust,

But my greenery will  work

Be it after two years……ten years  or more

Passengers’ll again ask the conductor,

Which place is this,bro?

Please drop me at Barnala

Where there is jungle of grass.

Listen,I’m grass.

I’ll overshadow your efforts.

I’ll grow everywhere

Be it space of yours or others.

अनुवाद :रा जीव 

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