Friday, July 17, 2009

खंडहर की सभ्यता

हरप्पा और मोहनजोदारो की खुदाई
मिले थे यहाँ प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के अवशेष
ये धरोहर हैं हमारे अतीत के ,
हमारी मान्यताओं के ,भावों और भावनाओं के
ना जाने ऐसे कितने ही विकसित सभ्यता के प्रतीक
आज सामने हैं हमारे
" खंडहर " के रूप में ।
सभ्यता की खोज !
खुदाई और उत्खनन की पुरानी और दुरूह प्रक्रिया से
मुर्खता नही तो और क्या है ?
आज के आधुनिक और स्वर्णिम विकास के युग में ,
हमने धरातल पर ही लगा दिए हैं
खंडहरों के अम्बार-
कहीं हिरोशिमा तो कहीं नागासाकी के बाज़ार
परमाणु की ताकत और उसकी विनाशक क्षमता से ।
हमने सोचा क्यों न फ़िर से बसा लें
एक छोटा सा खंडहरों का संसार
जहाँ हमारी आनेवाली पीढियां खोज पाएँगी
अपनी नई सभ्यता और संस्कृति के आधार
खंडहर ,खंडहर और खंडहर.

Tuesday, July 14, 2009

गौरैया

हम सबका मन बहुत हर्षाया था
जब गौरैया ने हमारे घर में घोंसला बनाया था ,
घर में दरवाजे के उपर
ऐसा लगा मानो घर में कोई मेहमान आया था
एक अजीब से अहसास,
उत्साह और रोमांच से भरा था
हमारा मन
उसकी हर कोशिश को था हमारा साथ
तिनका लाने से घोंसला सजाने तक
अंडे देने से बच्चा बाहरआने तक
इस मेहमान की इक इक हरकत हमे उत्सुक बनाती थी
अच्छा बहुत अच्छा लगता था
जब वह अपने बच्चों के लिए दाना लाती थी
हमे पता था इक माँ आयी है
संग अपने बच्चों की सौगात लाई है
साथ ही अपना समर्पण और अपनत्व लाई है
हम भी इस जश्न में शरीक होना चाहते थे
बच्चों को देखना और दुलारना चाहते थे
पर जानते थे रक्षा में हत्या का सार
सो चुपचाप जिंदगी को घर में पलते
देखते रहे, बस देखते रहे