Thursday, August 11, 2011

बहन हो तुम.

बहन हो तुम. .
हर भाई का अरमान हो तुम
राखी के धागे में लिपटी
एक मनभावन पहचान हो तुम,
मां के जैसा है मान तेरा
घर-घर पाती सम्मान हो तुम.

स्वार्थ भरी इस दुनिया में
एक सुखद अहसास हो तुम.
घायल हाथों की पट्टी हो,
आहत मन का बाम हो तुम.
स्नेह का जलता दीपक हो,
ममता का बिम्ब महान हो तुम.
संचारी है रूप तुम्हारा,
सर्वोत्तम जीवन आयाम हो तुम.

तुमसे सूरज-चाँद हमारे,
झीलमिल,झिलमिल करते तारे,
हरा-भरा जीवन है तुमसे,
सच्चे सुख का संसार हो तुम.
इतना सुन्दर,इतना कोमल
है तेरे धागों का बंधन
मृग बन ढूंढ़ रहे जो खुशबू,
उसका भी स्रोत साकार हो तुम.

जब-जब माथे तिलक लगाती
राखी बांध जब तुम मुस्काती,
खुशियों की एक धार निकलती,
लगता सृष्टि साकार हो तुम.

ख़त में सिमटी तेरी बातें,
भींगे सावन की सौगातें
धागों में बंध बढ़ता जीवन
फूलों भरी बहार हो तुम

धरती हो तुम,आसमान हो तुम,
चमत्कारी वरदान हो तुम
रिश्तों का केंद्र हो,
बहन हो तुम.

45 comments:

  1. ख़त में सिमटी तेरी बातें,
    भींगे सावन की सौगातें
    धागों में बंध बढ़ता जीवन
    फूलों भरी बहार हो तुम

    sunder rachna, bhai ka bahan ke liye atut pyar , aapki komal madhur rachna ne man moh liya........badhai............

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  2. भाई बहन के अटूट प्रेम की सुन्दर रचना……………कोमल भावो की सुन्दर अभिव्यक्ति।

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  3. जब-जब माथे तिलक लगाती
    राखी बांध जब तुम मुस्काती,
    खुशियों की एक धार निकलती,
    लगता सृष्टि साकार हो तुम.
    bahut khoobsoorat prastuti.

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  4. रक्षाबंधन के मौक़े पर सुन्दर और सामयिक रचना.

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  5. भाई -बहन का यह अनमोल रिश्ता यूँ ही अटूट बना रहे ...
    बहुत शुभकामनायें !

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  6. bahut sunder rachna
    padvane ko aabhar

    रक्षाबंधन की शुभकामनायें !

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  7. वाह ...बहुत ही स्‍नेहिल भावों के साथ बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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  8. बहु सुन्दर भावों से परिपूर्ण कविता !बहिन के लिये ये पंक्तियाँ विशेष अच्छी लगीं -
    मां के जैसा है मान तेरा
    घर-घर पाती सम्मान हो तुम.

    स्वार्थ भरी इस दुनिया में
    एक सुखद अहसास हो तुम.
    घायल हाथों की पट्टी हो,
    आहत मन का बाम हो तुम.

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  9. बहन को समर्पित उम्दा रचना...भावपूर्ण!

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  10. Rekha Srivastava to me
    "बहुत सुंदर कविता लिखी है. ये रिश्ता ऐसा ही कि जिसमें स्नेह और प्यार के अतिरिक्त कुछ भी नहीं होता.

    रक्षाबंधन पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं"

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  11. धरती हो,आसमान हो तुम,
    चमत्कारी वरदान हो तुम
    रिश्तों का केंद्र हो,
    बहन हो तुम.

    जीवन में बहन की महता को दर्शाती यह रचना अद्भुत है ....आपका आभार

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  12. आपको भी राखी का ये पावन त्यौहार बहुत बहुत मुबारक हो भैया

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  13. भाई -बहन के उज्जवल प्रेम को दर्शाती सुन्दर .रचना ......

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  14. Bahut sundar, I want to write a poem like this but was not finding the right words. Your poem is perfect...

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  15. kitne sunder bhavon ko samete hai yeh rachna… bahut sunder!

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  16. हर भाई का अरमान हो तुम
    राखी के धागे में लिपटी
    एक मनभावन पहचान हो तुम,
    मां के जैसा है मान तेरा
    घर-घर पाती सम्मान हो तुम...

    भाई बहन के पवित्र प्रेम को दर्शाती सुन्दर सी भाव विभोर करती रचना...
    रक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकामनाएं...

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  17. धरती हो तुम,आसमान हो तुम,
    चमत्कारी वरदान हो तुम
    रिश्तों का केंद्र हो,
    बहन हो तुम.

    रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भाई बहेन के रिश्तों को परिभाषित करती सुंदर प्रस्तुति.

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  18. वाह वाह राजीव भाई...
    अत्यंत सुन्दर कोमल रचना...
    बहन भाई का प्रेम यही
    बातें आपने सुन्दर कही
    सादर बधाई... शुभकामनाये...

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  19. bhai bahan ke pavan rishte ko rekhankit karti bahut umda rachna.rakhi ki shubhkamna.

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  20. भाई बहन के अटूट प्रेम पर एक बहुत ही सुंदर रचना!!!!!!!

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  21. धरती हो तुम,आसमान हो तुम,
    चमत्कारी वरदान हो तुम
    रिश्तों का केंद्र हो,
    बहन हो तुम.
    bahut sunder
    bhai bahan ka nata bahut hi pavan .aur is rishte pr aapne bahut hi sunder likha hai
    rachana

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  22. wow... bahut hi khoobsoorat rachna, bilkul bhai-bahan ke rishte ki tarah...
    aapki kal ki baatein yaad aa gai...

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  23. shardindu kumar singh to me

    "bahut achhe Rajiv,kya apkihi kavita hai,pichhale 30 varsho mein kuchch
    harkar hai."

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  24. prashant sharma to me

    "bahut khoob."

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  25. bahut hi pyari rachna, bhai-bahan ke pawan neh se bhari.

    shubhkamnayen

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  26. कोमल भावों की अनुपम प्रस्तुति।

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  27. सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति

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  28. भाई बहन के अटूट प्रेम की सुन्दर और बेहतरीन रचना

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  29. Shashi purwar to me

    "bahut hi sundar or dil ko chu lene wali . aapki lekhni ko pranam."

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  30. सुन्दर रचना , सार्थक प्रस्तुति , आभार

    रक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस पर्वों की हार्दिक शुभकामनाएं .

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  31. राखी के दिन इससे बेहतर प्रस्तुति क्या हो सकती है राजीव जी .... बहुत लाजवाब रचना ...

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  32. sach me bahono ko samarpit ek pyari se dil ko chhuti rachna...
    rajeev jee, aapki rachnayen dil ko moh leti hai..

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  33. "कविता भाई बहन के नाज़ुक और कोमल रिश्ते को उच्च स्वर में बयां कर रही है... विशुद्ध साहित्यिक कविता नहीं होने के बाद भी यह कविता बढ़िया है... "

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  34. sandhya tiwari to me

    "achha laga mere bhai eak bahan ki or se badhai"

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  35. सुन्दर प्रस्तुति.
    भावविभोर हो गया है मन.
    आभार.

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  36. धरती हो तुम,आसमान हो तुम,
    चमत्कारी वरदान हो तुम
    रिश्तों का केंद्र हो,
    बहन हो तुम.

    बहन के प्रति ये सम्मान सदा बना रहे .....

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  37. It's great stuff. I enjoyed to read this blog. Each and every day your blog having some interesting topic.

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  38. bahut sundar ....... apne bahut sundar tarike se bahnao ka maan badhaya hai . abhar .
    apka mere blog par bhi swagat hai . aap aye dhanyavad . isi tarah aap aate rahiye ... aapne hamara utsaah badhaya hai

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  39. प्रियवर राजीव जी
    सादर सस्नेहाभिवादन !

    बहुत विलंब से पहुंचा हूं इस भाव भरी पोस्ट पर …
    बाकी सब तो बहुत अच्छा है ही … पूरी कविता सुंदर है !

    नये बिंब लुभा गए :)
    घायल हाथों की पट्टी हो,
    आहत मन का बाम हो तुम.

    वाह ! क्या बात है !
    मन की भावनाएं ऐसे ही शब्दों में ढल कर काव्य रूप में आनन्द वर्षण करती रहे … !


    ♥श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !♥

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  40. जैसे ही आसमान पे देखा हिलाले-ईद.
    दुनिया ख़ुशी से झूम उठी है,मनाले ईद.
    ईद मुबारक

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  41. kafi samay baad aapki is khubsurat rachna pr kuch comment de pa rahi hun.....maaf kijiyega.... behen kaisi hoti hai, kya hoti hai...aapne apni is kavita main bahaut hi khubsurati se varnit kiya hai..... behtreen rachna

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  42. भावपूर्ण रचना....

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