Friday, August 27, 2010

एक सुझाव

भाई साहब आइए
कुछ अच्छा कर जाइए
अपने बेटे को
किसी बेटी के नाम कर
अपना,अपने पुरखों का नाम
ऊंचा कर जाइए,
या फिर,
मुक्त बाजार में
खुला है
नीलामी का विकल्प ,
बेटे की कीमत लगाइए,
बोली लगवाइए,
मनचाहा पाइए ,
बेटे को बेचकर
ख़ुशी-ख़ुशी घर जाइए ।


5 comments:

  1. नीलामी का विकल्प ,
    बेटे की कीमत लगाइए,
    बोली लगवाइए,
    मनचाहा पाइए ,
    बेटे को बेचकर
    ख़ुशी-ख़ुशी घर जाइए ।


    बहुत खूब ........आज के सच का आईना ..ऐसे ही लिखते रहे आप

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  2. samaj ki kuritiyon par vyang karti rachna..... aaj bhi shan se bete ki boli lagai ja rahi hai aur ham mookdarshak hain....

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