।। किसी ग्रामोफोन की तरह ।।
पिता खामोश है किसी बाँसुरी की तरह
उसे चाहिए एक गरम साँस का
हल्का सा स्पर्श अपनी आत्मा पर
कि वह बज उठे धीरे से;
प्रेम में फूटती है एक ऐसी धुन
जो उठती है आकाश तक
और समेट लेती है पाताल को भी
प्रेम में पिता हो जाता है हरी प्रसाद चौरसिया।
पिता टोकरे में तरह तरह के फल लिए बैठा है
घर की दहलीज पर किसी कुँजड़े की तरह
उसे पता है अद्भुत है फलों का स्वाद
खुशबू और मिठास;
उन्हें निहारता है, पौंछता है और धर
देता है पिता
प्रतीक्षा करता है उनके आने की
कि चख चख कर खिलादे उन्हें सब मीठे फल
प्रेम में पिता हो जाता है शबरी का प्रतिरूप।
पिता की स्मृतियों में चलचित्र-सी चलती हैं यादें
उन्हें सुलाने के लिए जाना किसी लाँग ड्राइव पर
बुखार में बर्फ के पानी से पौंछना माथा
उनका मचलना आईसक्रीम के लिए
ज़िद कर बैठना किसी खिलौनों की दूकान में
टीचर पर नाराज़ होकर लौटना स्कूल से या
कोई ट्रॉफी लेकर आना किसी प्रतियोगिता से
प्रेम में पिता फड़फड़ाने लगता है
एल्बम के पन्नों की तरह।
पिता नहीं जानता प्रेम में क्या सोचते हैं बच्चे
पिता नहीं जानता जब बड़े हो जाते हैं बच्चे
तो कैसे बदल जाती हैं उनकी प्राथमिकताएं
ज़रूरतें और पसंद।
बच्चे अब नहीं खाते फल
नहीं करते ज़िद
नहीं सुनाते कोई कहानी
फोन घुमाकर करते हैं
आर्डर बरगर और पिज़्ज़ा।
पिता खामोश है किसी पिता की तरह
पिता अब घर में हैं किसी ग्रामोफोन की तरह!
Like A Gramophone (Final)
Father is silent like a flute
His soul needs the warmth of outcoming breath
To get all musical.
Love cracks such a soothing melody
That touches the heart of
the Earth
And soars to the blues of the sky
Affection makes him a flute master,
A fruit-seller too
With a variety of fruits in his store
Sitting on the threshold of his house
Mastering taste and essence of them all.
He looks at them intently,
Freshens them with soft cotton touch
And keeps them intact
With a wish to make his little soul eat
Each and every tasty tasted fruit,
And becomes Shabri for his son.
In the horizon of mind
He travels down the memory lane
Where on a long drive
He cradles him to sleep,
Keeps an ice-soaked towel on his forehead
To calm down his heat.
He bears
His becoming unruly for an ice-cream,
Getting glued to the last stair of a toy-shop,
Coming with heavy heart from school
Being upset with his teacher,
Or bringing a winner’s trophy.
Father feels elated
Like the fluttering pages of an album
In a pleasant breezy day.
But father doesn’t know
What children think of love,
He doesn’t even know
Why priorities make a windy shift
When siblings grow young,
Why their taste and temperament
Moves west ward.
Now children don’t eat fruits,
Don’t get stubborn for anything,
Don’t utter nursery rhymes,
Or short stories of their interest,
They prefer ordering pizzas & burgers, hot
dogs.
Father maintains silence like any other father
He feels placed in the corner of a living room
Like a ‘Gramophone’.
(Date: 24.06.2022)
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शनिवार (02-07-2022) को चर्चा मंच "उतर गया है ताज" (चर्चा अंक-4478) पर भी होगी!
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteपिता सच ही ग्रामोफोन की आउटडेटेड हो जाते हैं ..... अच्छी रचना .
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना सोमवार 4 जुलाई 2022 को
ReplyDeleteपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
बहुत सुंदर।
ReplyDeleteBehtreen
ReplyDeleteपिता ग्रामोफोन की तरह हो जाते हैं समय के साथ पर उस आउटडेटेड ग्रामोफोन को भी सहेजकर रखा जाता है किसी बेशकीमती शो पीस की तरह।
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मर्म को छूती सुंदर अभिव्यक्ति।
उन्हें निहारता है, पौंछता है और धर देता है पिता
ReplyDeleteप्रतीक्षा करता है उनके आने की
कि चख चख कर खिलादे उन्हें सब मीठे फल
प्रेम में पिता हो जाता है शबरी का प्रतिरूप।///
एक भावुक करने वाला शब्द चित्र जहाँ सिर्फ पिता हैं और उनके साथ उनका निस्वार्थ प्रेम ।एक भावपूर्ण रचना के लिए बधाई और शुभकामनाएं।
पिता खामोश है किसी पिता की तरह
ReplyDeleteपिता अब घर में हैं किसी ग्रामोफोन की तरह!
गहन चिंतन
बदलते समय के साथ बच्चे बदल जाते हैं
ReplyDeleteपिता बीते समय की यादें संजोए उन लम्हों में जीकर उन्हीं लम्हों की प्रतीक्षा में आश लगाए रहता है।
बहुत ही भावपूर्ण लाजवाब सृजन।
सच्चाई को बयां करती सुंदर हृदय स्पर्शी रचना।
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