Tuesday, July 14, 2009

गौरैया

हम सबका मन बहुत हर्षाया था
जब गौरैया ने हमारे घर में घोंसला बनाया था ,
घर में दरवाजे के उपर
ऐसा लगा मानो घर में कोई मेहमान आया था
एक अजीब से अहसास,
उत्साह और रोमांच से भरा था
हमारा मन
उसकी हर कोशिश को था हमारा साथ
तिनका लाने से घोंसला सजाने तक
अंडे देने से बच्चा बाहरआने तक
इस मेहमान की इक इक हरकत हमे उत्सुक बनाती थी
अच्छा बहुत अच्छा लगता था
जब वह अपने बच्चों के लिए दाना लाती थी
हमे पता था इक माँ आयी है
संग अपने बच्चों की सौगात लाई है
साथ ही अपना समर्पण और अपनत्व लाई है
हम भी इस जश्न में शरीक होना चाहते थे
बच्चों को देखना और दुलारना चाहते थे
पर जानते थे रक्षा में हत्या का सार
सो चुपचाप जिंदगी को घर में पलते
देखते रहे, बस देखते रहे

10 comments:

  1. bahut bhowpoorn kavita hai... personification ka badhiya example... pehle blog writing ke liye badhai ho ! bahut door tak jayenge aur humare jaise kai gauraiye aapke kandhon par ghonsal banayenge ! Atal Bihari ji ki eak kavita hai :
    ...Tum woh vriksh banoge
    jiss par hazaron chidiyaa
    ghonsla banayengi ...

    badhai eak baar phir !

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  2. घोंसले के लिए असीम शुभकामनाएं। ऐसा घोंसला बने जहां पर पोस्‍टें तो पोस्‍टें, हजारों हजार टिप्‍पणियां फलें फूलें। संभावनाओं और कल्‍पनाओं के झूलें हजारों झूले। मन मस्‍त होकर शब्‍दों के भंवर में खाएं हिंडोले। यह घोंसला सदा बोले प्‍यार की बोली।

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  3. घोंसले के लिए असीम शुभकामनाएं। ऐसा घोंसला बने जहां पर पोस्‍टें तो पोस्‍टें, हजारों हजार टिप्‍पणियां फलें फूलें। संभावनाओं और कल्‍पनाओं के झूलें हजारों झूले। मन मस्‍त होकर शब्‍दों के भंवर में खाएं हिंडोले। यह घोंसला सदा बोले प्‍यार की बोली

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  4. Utsahvardhan ke liye kotishh dhanyawad,sir.

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  5. बहुत ही सुन्दर कविता है. बधाई हो

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  6. Behad sundar!!

    http://fiberart-thelightbyalonelypath.blogspot.com

    Is blog pe 'name plates" is sheershak tahat kuchh posts dekhen ! Yahee ghonsala yaad aayega!

    http://shamasansmaran.blogspot.com
    (is blog pe padhen,'bulbul ka ghonsala'...mujhe achha lagega..!)

    http://kavitasbyshama.blogspot.com

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    Goraiyya ko bachake aap to behad nek kaam kar rahe hain...ye jaatee to nasht ho rahee hai..!

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  7. अविनाश जी इतना हरशाये
    हमको गौरइया दिखलाने यहा ले आये
    देखा वाकयी गौरइया लजवाब थी
    लेकिन वो राजीव जी के पास थी
    गौरइया फूले फले घोन्सले बन्ते रहे
    आप हर्शित अविनाश हर्शित
    यू ही कारवा बनते चले

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  8. sundar bhav,,

    ek naya ghar bsane par aapne jo khushi vyakt ki uttam..

    badhayi ..

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  9. आपकी कविताएं अच्‍छी लगीं, खासकर आपके यहां विचार एक रूप लेता दिख रहा है , लिखते रहें

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  10. achchhi kavita ke liye rajiv ji aur avinash ji ko badhai.

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