Wednesday, August 26, 2009

तुम मुझे याद नही रख पाओगी .........

मैं जानता हूँ ,

तुम मुझे याद नही रख पाओगी

अपनी यादों के "एल्बम" में सजाकर रख दोगी

और कुछ खास-खास मौकों पर

एक नजर देख लिया करोगी,बस

यही सच मैंने आज तक जिया है ,

इसी सच के सिलसिले का शिकार रहा हूँ अबतक।

तुम्हें लगता होगी ऐसी बातें कर

मैं तुम्हारा दिल दुखाना चाहता हूँ ।

नही ,कदापि नही

मैं तो तुमको सच के करीब लाना चाहता हूँ ।

मुझे पता है मैं दर्द बनकर ठहर नही पाऊँगा ,

तुहारे मन-आँगन में

मैं तो बस दर्द की तस्वीर बनकर रह जाऊँगा ,

घाव का एक निशान भर

जो तुम्हें मेरी याद तो दिलाएगा ,

दर्द नहीं जगायेगा ।

मैं तुम्हें मीरा की तरह आंसुओं में डूबा नही देखना चाहता ।

समय तुम्हें समझा देगा ,

तुम किसे याद रखोगी -मुझे या मेरी तस्वीर को ।

3 comments:

  1. Behad sundar ! Gar kiseeke dilme nahee,te aur kaheen rahne se kya matlab?

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