तुम्हारी एक मुस्कान के लिए
सोये नहीं थे हम
कई-कई रात ,
तुम्हारी एक मुस्कान पर
हम रहे न्योछावर.
तुम्हारे हर क्रंदन पर,
बेचैन,
तुम्हारा मचलना,
गुस्सा होना,चिल्लाना
और फिर ...
सहज हो जाना,
जो तुम्हारी मुस्कान में है,
बहुत राहत देता है
सिर पर जलता सूरज ओढ़े
समय की तपती रेत पर
चलते हमारे मन को.
जब-जब तुम मुस्कुराते हो
कभी राम,
तो कभी कृष्ण,
कभी पुरवैया का झोंका ,
कभी जीवन अभिराम हो जाते हो
क्योंकि तुम जीते रहे
अपना जीवन
पल-पल.
आज
मैं भी जीना चाहता हूँ
हर कतरा जीवन
होना चाहता हूँ,
निर्विकार
तुम्हारी तरह.
भाव से परे नहीं,
भावपूर्ण होना चाहता हूँ.
होना चाहता हूँ
परिस्थितिजन्य.
परन्तु
इतना आसान कहाँ है ये सब ,
हमारे निश्छल भावों पर
हमारा विचार हावी है,
समय हावी है,
समय के साथ ही
सारा संसार हावी है.
बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने! हर इंसान को हमेशा मुस्कुराना चाहिए चाहे ज़िन्दगी में कितने ही दुःख क्यूँ न आए! आख़िर सुख दुःख से सभी को गुज़रना पड़ता है! उम्दा रचना!
ReplyDeleteतुम्हारा मचलना,
ReplyDeleteगुस्सा होना,चिल्लाना
और फिर ...
सहज हो जाना
जो तुम्हारी मुस्कान में है,
बहुत राहत देता था
सिर पर जलता सूरज ओढ़े
समय की तपती रेत पर
चलते हमारे मन को.
बहुत ही सुन्दर भावमय करते शब्द ।
बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteबेहद भावप्रवण रचना दिल को छू गयी।
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण रचना..पसंद आई.
ReplyDeleteरचना बहुत अच्छी बन पड़ी है और सुंदर भी। हाँ निम्न पंक्तियाँ लय में बाधक बनती हैं -
ReplyDeleteसिर पर जलता सूरज ओढ़े
समय की तपती रेत पर
चलते हमारे मन को.
...औऱ
हावि नहीं हावी है
मुस्कान पर जो भी लिखा ....बहुत बहुत खूब लिखा है
ReplyDelete--
सुन्दर भावों को समेटे जीवन को जीती हुई कविता !
ReplyDeleteमन के कोमल और व्याकुल भावों की सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteह्रदय स्पर्शी रचना...
बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना..........ह्रदय स्पर्शी
ReplyDeleteबढ़ते बढ़ते हमारे निश्छल भाव छोटे हो गये।
ReplyDeletebahut sundar.....
ReplyDeletePrerna Argal to me
ReplyDeletebahut sunder rachanaa.dil ko choo gai.badhaai sweekaren.
Ranjana to me
ReplyDeleteवाह...कोमल भावों की अतिमोहक अभिव्यक्ति...
बहुत बहुत सुन्दर रचना...
बहुत बढिया .. आपके इस पोस्ट की चर्चा आज की ब्लॉग4वार्ता में की गयी है !!
ReplyDeleteहरिदय मेन घोसला बनाती एक कविता!!
ReplyDeleteshephali srivastava to me
ReplyDeletewow b'ful
bahut hi khubsurat rachna :)
आज
ReplyDeleteमैं भी जीना चाहता हूँ
हर कतरा जीवन
होना चाहता हूँ,
निर्विकार
तुम्हारी तरह.
babut sundar rachna
waah waah waah...
ReplyDeletethank you so much Rajiv ji, hame itani sundar rachnaon se milwane aur jeevan ke saare pahluon se avgat karane ke liye...
behad khoobsoorat bhaavnaon ka aapne bahut hi sundar chitran kiya hai...