Sunday, October 10, 2010

ऐ दाता !

ऐ दाता !
कभी इतना मत देना
जो दामन में न समाये,
इतना भी मत देना की
मेरी झोली
खाली रह जाये.
बस इतना-भर देना
कोई मायूस न जाये
मेरे घर से,
मैं तेरे दर से।

देना ही है तो देना
एक टुकड़ा जमीन
मेरे बाहर,मेरे भीतर ,
उपजाऊ सी,
साथ में देना
थोड़े से बादल,
देना एक अच्छी सी बरसात,
एक बहती नदी देना
साथ में देना
थोड़ी सी हरियाली,
जिससे आये
खुशहाली चारो ओर।

मुझे देना
थोड़ा सा दर्द,
दर्द का अहसास
ताकि
मैं औरों का दर्द
समझ पाऊं,
बाँट सकूँ
गमजदा लोगों के गम.
मेरे मन को
देना वो नमी
जो रहने दे
मेरे आँखों में पानी
जो रिश्तों को
तर कर जाये
भर जाये
जीवन में उमंग ।

जी लेने दो मुझे
ख़ुशी-ख़ुशी
उन रिश्तों के साथ
पल-दो-पल
जिन्हें बड़ी मुश्किल से
जोड़ पाया हूँ,
पी लेने दो
अपनेपन से उपजा
आनंद-रस
एकबार.

मत छोड़ना
मुझे कभी अकेला,
मेरे हर कर्म में देना
मेरा साथ,
बनाये रखना
अपना आशीष,
धरे रहना सदा
मेरे सिर पर
अपना हाथ .

7 comments:

  1. काश ! ये ख्वाहिश हर दिल की होती।
    आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (11/10/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा।
    http://charchamanch.blogspot.com

    ReplyDelete
  2. बहुत सुंदर कविता.. इश्वर से आपने सब कुछ मांग लिया अपने लिए.. दुनिया के लिए.. आपकी साथ हमारी उम्मीदें भी शामिल है..

    ReplyDelete
  3. मुझे देना
    थोड़ा सा दर्द,
    दर्द का अहसास
    ताकि
    मैं औरों का दर्द
    समझ पाऊं,
    बाँट सकूँ
    गमजदा लोगों के गम.
    मेरे मन को
    देना वो नमी
    जो रहने दे
    मेरे आँखों में पानी
    जो रिश्तों को
    तर कर जाये
    भर जाये
    जीवन में उमंग ।
    waah, yahi to meri khwaahish hai

    ReplyDelete
  4. बहुत बहुत सुंदर रचना. जिसका हर भाव मन को अपना सा लगा और भीतर तक छू गया.

    ReplyDelete
  5. बहुत सुंदर रचना, आप सब को नवरात्रो की शुभकामनायें,

    ReplyDelete
  6. संत कबीर के भाव भर दिए हैं रचना में ..सुन्दर अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  7. मत छोड़ना
    मुझे कभी अकेला,
    मेरे हर कर्म में देना
    मेरा साथ,
    बनाये रखना
    अपना आशीष,
    धरे रहना सदा
    मेरे सिर पर
    अपना हाथ bahut sunder vichar hai,man ki masoomiyat ko darshate hai....

    ReplyDelete