Wednesday, August 5, 2009

नारी की नियति

यदि तेरा पति राम होगा
तुम्हें अयोध्या छोड़नी ही पड़ेगी
अग्नि परीक्षा तेरी नियति होगी
कई -कई लक्षमण रेखाएं भी पार करनी पड़ेगी
मृग मरीचिका के पीछे दौड़ता तेरा पति
तुझे पीछे छोड़ जाएगा
वृद्ध जटायु अ़ब नहीं है
लक्षमण तेरी बातों से आहत है
हनुमान तो खोजी है ,खोजी
बस और कुछ नहीं
पर तुम्हारा जीवन तो "बनवास " और "अग्नि परीक्षा "से आगे भी बहुत कुछ है
तुम्हारा जीवन एक खोज है
खोज एक सच्चे जीवन-साथी की
तुम्हें पति चाहिए.परमेश्वर नहीं
धरती मां की गोद नहीं ,असमय की मौत नहीं
यदि तुम्हारे पति पांडव होंगे
तो हालतऔर भी बदतर होगी
हर आखरी दाव पर तुम होगी ,सिर्फ़ तुम
कोई कृष्ण नहीं होगा
सिर्फ़ चीरहरण होगा ,चीरहरण अज्ञातवास होगा और पुत्र शोक भी
तुम होगी -महज एक औरत
अपने इस हालत के लिए जिम्मेवार .

3 comments:

  1. Jiss tarah se women reservation bill par sansad mein utha-patak chal rahi hai aur isse tala jaa raha hai... aapki yeh kavita sam-samayik ho gai hai.... Aurat hone ka dansh mental level par women empowerment se hoga... abhi jo kuch chal raha hai woh chhadm empowerment hai !

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  2. hindyugm ke liye is kavita ko record karke bhejte to khushi hoti..

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