मैं जानता हूँ ,
तुम मुझे याद नही रख पाओगी
अपनी यादों के "एल्बम" में सजाकर रख दोगी
और कुछ खास-खास मौकों पर
एक नजर देख लिया करोगी,बस
यही सच मैंने आज तक जिया है ,
इसी सच के सिलसिले का शिकार रहा हूँ अबतक।
तुम्हें लगता होगी ऐसी बातें कर
मैं तुम्हारा दिल दुखाना चाहता हूँ ।
नही ,कदापि नही
मैं तो तुमको सच के करीब लाना चाहता हूँ ।
मुझे पता है मैं दर्द बनकर ठहर नही पाऊँगा ,
तुहारे मन-आँगन में
मैं तो बस दर्द की तस्वीर बनकर रह जाऊँगा ,
घाव का एक निशान भर
जो तुम्हें मेरी याद तो दिलाएगा ,
दर्द नहीं जगायेगा ।
मैं तुम्हें मीरा की तरह आंसुओं में डूबा नही देखना चाहता ।
समय तुम्हें समझा देगा ,
तुम किसे याद रखोगी -मुझे या मेरी तस्वीर को ।
sundar bhaw
ReplyDeleteBehad sundar ! Gar kiseeke dilme nahee,te aur kaheen rahne se kya matlab?
ReplyDeletehttp://shamasansmaran.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
http://lalitlekh.blogspot.com
http://shama-baagwaanee.blogspot.com
http://shama-kahanee.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
bahut umda rachna hai....
ReplyDelete