Friday, August 16, 2024

 

मौसम आता है,मौसम जाता है

मौसम आता है,मौसम जाता है,

आते-जाते ढेरों बदलाव लाता है,

वसंत आता है,वसंत जाता है,

बगिया में रंग-बिरंगे फूल खिलाता है

हर तरफ हरियाली और बहार लाता है

 

मौसम आता है,मौसम जाता है,

आते-जाते ढेरों बदलाव लाता है,

गर्मी आती है,गर्मी जाती है,

धरती को कुछ दिन तवा बनाती है,

घर के बाहर जाना मुश्किल हो जाता है,

ठंढा-ठंढा पानी हर मन को भाता है  

 

मौसम आता है,मौसम जाता है,

आते-जाते ढेरों बदलाव लाता है,

बरसात आती है, बरसात जाती है,

काले-काले बादल पानी बरसाते हैं,

बच्चे गलियों में नाव चलाते हैं,  

 

मौसम आता है,मौसम जाता है,

आते-जाते ढेरों बदलाव लाता है,

पतझड़ आता है,पतझड़ जाता है,

पीले-पीले पत्तों की कालीन बिछाता है,

नए-नए पत्तों से पेड़ों को सजाता है   

 

मौसम आता है,मौसम जाता है,

आते-जाते ढेरों बदलाव लाता है,

सर्दी आती है,सिहरन लाती है,

गरम-गरम कपड़ों की मांग बढाती है,

आग की गर्मी ही हमारी जान बचाती है

 

मौसम आता है,मौसम जाता है,

आते-जाते ढेरों बदलाव लाता है,

हर मौसम की बात निराली,

लेकर आती ये खुशहाली 

राजीव  (15-07-2024)  

1 comment:

  1. यार, आपकी ये कविता तो बिलकुल ज़िंदगी की तरह लगती है जैसे हर मौसम अपने साथ कुछ नया लेकर आता है, कुछ सिखा जाता है। मुझे अच्छा लगा कि तुमने हर मौसम को इतने सरल और प्यारे शब्दों में समझाया है जैसे कहीं वसंत की रंगीनियत है, तो कहीं सर्दी की सिहरन का एहसास।

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