tag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post9073024823502986854..comments2023-09-20T08:51:12.052-07:00Comments on Ghonsla: अंगूठाRajivhttp://www.blogger.com/profile/05867052446850053694noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-78514711190561239602010-12-05T06:22:25.185-08:002010-12-05T06:22:25.185-08:00भाई राजीव जी ! पढ़ तो आपको कई दिन से रहा था ...पर ...भाई राजीव जी ! पढ़ तो आपको कई दिन से रहा था ...पर आपके ब्लॉग पर, विधिवत आज पहली बार आया हूँ. अब धीरे-धीरे आपकी सारी रचनाएँ पढ़नी पढ़ेंगी ..."अंगूठा" रचना बहुत अच्छी लगी ........आपका लेखन बड़ा ही परिष्कृत और संतुलित होता है .....दोनों भाषाओं पर काव्याभिव्यक्ति की दृष्टि से अच्छा अधिकार और विषयों का चयन आपके लेखन को नयी ऊंचाइयों तक ले जाता है. .......लेखन तो केवल अनुभूतियों की स्वाभाविक अभिव्यक्ति भर है........प्रशंसा तो साइड प्रोडक्ट है.ब्लॉग जगत और साहित्य जगत को आपकी सदा आवश्यकता रहेगी. मेरी मंगल-कामनाएं ....अलख जगाये रखने और अच्छे लेखन के लिए.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-61226922638153167302010-12-04T23:50:59.847-08:002010-12-04T23:50:59.847-08:00बहुत खूब ... ये सच है की अंगूठा पहचान है ... बहुत ...बहुत खूब ... ये सच है की अंगूठा पहचान है ... बहुत सी बातों की शुरुआत है .... <br />बहुत ही शशक्त रचना है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-69662751495790639262010-12-03T04:18:48.077-08:002010-12-03T04:18:48.077-08:00This comment has been removed by the author.Rajivhttps://www.blogger.com/profile/05867052446850053694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-42710880278243701822010-12-01T09:06:03.209-08:002010-12-01T09:06:03.209-08:00बहुत खूब... अंगूठे की हर मुम्किन व्याख्या की है......बहुत खूब... अंगूठे की हर मुम्किन व्याख्या की है... बहुत खूब... मेरे काम भी यही अंगूठा आया था अपने माता-पिता को बताने के लिए कि अब मै ठीक हूँ...<br />बस कोई वाक्य याद आ गया, सो लिख दिया...<br />आपकी रचना लाज़वाब है...POOJA...https://www.blogger.com/profile/03449314907714567024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-70660169444216437342010-12-01T05:18:09.748-08:002010-12-01T05:18:09.748-08:00राजीव सुपुत्र
चिरंजीव भवः
आपकी कविता पढ़ी
एक दम स...राजीव सुपुत्र <br />चिरंजीव भवः<br />आपकी कविता पढ़ी <br />एक दम स्टीक भावपूर्ण <br />एक प्रश्नं ?<br />क्या हम स्वतंत्र है विचारों से <br />स्वतंत्रता तो मिली फिरंगीयों से देश को स्वतंत्र कराने की <br />मुझे आज भी याद है लार्ड माऊंटबेटन के शब्द जो भार के के नेताओं से कहे थे देश तो स्वतंत्र करवा लिया हमसे देश को चालाने के लिया कोई योग्य नेता भी हो <br />क्षमा करना छोटे मुहँ बड़ी बात<br />क्या देश में शिक्षा प्रणाली फिरंगियों की नहीं <br />हमारी ही फूट ने पहले मुग़ल फिर फिरंगी <br />अब दोष भी उनको ही देते हैंगुड्डोदादीhttps://www.blogger.com/profile/10381007322183223193noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-37151099293282207462010-12-01T05:14:35.133-08:002010-12-01T05:14:35.133-08:00सब कुछ होता है अंगूठा,
कभी छुपा तो ताकत भी बना,
कभ...सब कुछ होता है अंगूठा,<br />कभी छुपा तो ताकत भी बना,<br />कभी दिखा तो आफ़त भी बना,<br /><br />अंगूठा होता है पहचान,<br />गिरा तो अपमान,<br />और उठा तो सम्मान,<br /><br />अंगूठा होता है ह्स्ताक्षर,<br />कभी अंदर,<br />कभी बाहर,<br /><br />अंगूठे में होता है समर्पण,<br />कभी दर्पण,<br />कभी अर्पण,<br /><br />अंगूठे से ही बनाता है कोई देश,<br />कोई भेष,<br />--विशेष,<br /><br />अंगूठा होता है एकलव्य,<br />कभी श्रव्य,<br />कभी द्रव्य,<br /><br />अंगूठा होता है कर्मठ किसान,<br />उंगलियों की जान,<br />और हाथों की शान...Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-25178635116234506722010-12-01T02:58:24.030-08:002010-12-01T02:58:24.030-08:00behtareen....
kunwar ji,behtareen....<br /><br />kunwar ji,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-6015994041269269702010-11-29T04:19:38.447-08:002010-11-29T04:19:38.447-08:00आदरणीय राजीव सर
विलक्षण विषय उठाया है आपने. अंगूठा...आदरणीय राजीव सर<br />विलक्षण विषय उठाया है आपने. अंगूठा... अंगूठे के माध्यम से श्रम की महत्ता को आपने अभिव्यक्त किया है. मुझे अंग्रेजी की प्रसिद्द कविता 'ओड तू थम्ब' जिसके कवि हैं रॉबर्ट कर्टिस .. उनकी कुछ पंक्तिया आपकी कविता को समर्पित...<br />"...The Thumb turned upwards brings forth a grin.<br />It's the international sign for good fortune.<br />The victor is also of times praised.<br />With this distant and silent digit raised."<br />आपकी हिंदी की कविताओं में भी संवेदना का स्तर अंग्रेजी खास तौर पर यूरोपीय कविता की संवेदना है.. सादरकुमार पलाशhttps://www.blogger.com/profile/04395975925949663661noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-26071818131302453852010-11-27T08:58:55.125-08:002010-11-27T08:58:55.125-08:00अंगूठा होता है एकलव्य,
अंगूठा होता है अर्जुन,
पर,उ...अंगूठा होता है एकलव्य,<br />अंगूठा होता है अर्जुन,<br />पर,उन द्रोनाचार्यों का क्या करें<br />जो मांग लेते हैं अंगूठा ही दान<br />यदि दिखती है उसमें जान.<br /><br />अंगूठे की महत्ता का बहुत हे सार्थक और सुन्दर चित्रण..बधाईKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-20415381799496921132010-11-27T05:39:48.930-08:002010-11-27T05:39:48.930-08:00अँगूठे का सुन्दर वर्णन। आज यही देख कर दुख होता है ...अँगूठे का सुन्दर वर्णन। आज यही देख कर दुख होता है कि वही लोग अँगूठा दिखाने लगे हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-45217082971710331152010-11-26T22:56:34.677-08:002010-11-26T22:56:34.677-08:00Anguthe ki pahchaan karwane ke liye sukriya...:)
k...Anguthe ki pahchaan karwane ke liye sukriya...:)<br />kavi hriday bhi kya hai, kis kis bimb ko apne kavita me le aata hai..........aur kitne bakhubi se usko chitrit bhi kar deta hai...badhai..!!मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-89817029613455377062010-11-26T21:33:51.552-08:002010-11-26T21:33:51.552-08:00अंगूठा पहचान है ; सुंदरता से इस बात को स्थापित करत...अंगूठा पहचान है ; सुंदरता से इस बात को स्थापित करती हुई रचना!<br />आभार!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-29537589451511921192010-11-26T08:10:31.655-08:002010-11-26T08:10:31.655-08:00अंगूठे न होते तो आजादी नहीं मिलती..अंगूठे न होते तो आजादी नहीं मिलती..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-33242386640629455452010-11-26T07:37:22.718-08:002010-11-26T07:37:22.718-08:00बेहतरीन रचना.बेहतरीन रचना.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-79288100039277613972010-11-26T07:16:15.342-08:002010-11-26T07:16:15.342-08:00बहुत सटीक अंगूठे की पहचान ..बहुत सटीक अंगूठे की पहचान ..अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-62050919760398404182010-11-26T03:21:45.454-08:002010-11-26T03:21:45.454-08:00अंगूठा होता है
कर्मठ किसान,
लक्ष्य के प्रति पूर्ण ...अंगूठा होता है<br />कर्मठ किसान,<br />लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पित<br />हमारा अन्नदाता,हमारा भगवान<br />यकीनन अंगूठा नहीं होता महज़ अंगूठा <br />लाजवाबM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-79787842561352231162010-11-26T03:15:03.694-08:002010-11-26T03:15:03.694-08:00ला-जवाब" जबर्दस्त!!
अंगूठे को जीवन से जोड़ कर ...ला-जवाब" जबर्दस्त!!<br />अंगूठे को जीवन से जोड़ कर पेश किया हैसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-42457943289144745462010-11-26T02:55:00.466-08:002010-11-26T02:55:00.466-08:00क्या बात है अंगूठे की. हाँ,अंगूठा ठेंगा दिखाने के ...क्या बात है अंगूठे की. हाँ,अंगूठा ठेंगा दिखाने के काम में भी लोग इस्तेमाल करते हैंKunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-36716708235991297662010-11-26T02:43:42.253-08:002010-11-26T02:43:42.253-08:00बहुत सटीक अंगूठे की पहचान ....अच्छी रचनाबहुत सटीक अंगूठे की पहचान ....अच्छी रचनासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-13161627280974239972010-11-26T02:12:22.118-08:002010-11-26T02:12:22.118-08:00अंगूठा भी क्या गज़ब अंग है अपने शरीर का...
यह न हो ...अंगूठा भी क्या गज़ब अंग है अपने शरीर का...<br />यह न हो तो इंसान के आधे से ज्यादा काम ठप्प पड़ जाते हैं..<br /><br />बहुत ही सुन्दर तरीके से आपने अंगूठे को जीवन से जोड़ कर पेश किया है.. अच्छा लगा...<br /><br />आभारPratik Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-32858314862340109512010-11-26T01:59:48.995-08:002010-11-26T01:59:48.995-08:00अंगूठा होता है एकलव्य,
अंगूठा होता है अर्जुन,
पर,उ...अंगूठा होता है एकलव्य,<br />अंगूठा होता है अर्जुन,<br />पर,उन द्रोनाचार्यों का क्या करें<br />जो मांग लेते हैं अंगूठा ही दान<br />यदि दिखती है उसमें जान.<br />kadwe satya ke garal ko ujaagar kiya haiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-31496898522864375402010-11-26T01:31:46.072-08:002010-11-26T01:31:46.072-08:00अंगूठा
नहीं होता
सिर्फ अंगूठा
अंगूठा होता है पहचान...अंगूठा<br />नहीं होता<br />सिर्फ अंगूठा<br />अंगूठा होता है पहचान<br /><br />-सुन्दरता से अंगूठे की महिमा को वर्णित किया है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com