tag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post3061096601982233778..comments2023-09-20T08:51:12.052-07:00Comments on Ghonsla: काश ! दर्पण मुझमें समा जाता.....Rajivhttp://www.blogger.com/profile/05867052446850053694noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-48814535875824326952010-10-12T00:11:44.551-07:002010-10-12T00:11:44.551-07:00बहुत सुन्दर अभिव्यक्तिबहुत सुन्दर अभिव्यक्तिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-43675098189854069222010-10-11T09:56:28.701-07:002010-10-11T09:56:28.701-07:00अपने आप से पहचान ..बस यही हो जाये फिर क्या है .बहु...अपने आप से पहचान ..बस यही हो जाये फिर क्या है .बहुत अच्छी अभिव्यक्तिshikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-6834050286269303862010-10-11T09:16:16.478-07:002010-10-11T09:16:16.478-07:00अपने आप को जानने की इच्छा कम ही लोगों में होती है,...अपने आप को जानने की इच्छा कम ही लोगों में होती है, आपकी कविता आपकी ईमानदारी को अभिव्यक्त करती है।...सुंदर रचना, बधाई।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-73032332303270762372010-10-11T07:57:33.535-07:002010-10-11T07:57:33.535-07:00सुंदर भावपूर्ण रचना के लिए बहुत बहुत आभार.सुंदर भावपूर्ण रचना के लिए बहुत बहुत आभार.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-42236054029011433012010-10-11T07:18:17.365-07:002010-10-11T07:18:17.365-07:00घोंसले का इंटेलिजेंट अंडा!
उम्दा!
आशीष
--
प्रायश्च...घोंसले का इंटेलिजेंट अंडा!<br />उम्दा!<br />आशीष<br />--<br />प्रायश्चितसूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼https://www.blogger.com/profile/11282838704446252275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-62079853320174899352010-10-11T06:52:56.129-07:002010-10-11T06:52:56.129-07:00ढूंढ पाता
उसके पीछे का राज
अपने भीतर,
कर पाता
उसमे...ढूंढ पाता<br />उसके पीछे का राज<br />अपने भीतर,<br />कर पाता<br />उसमें सुधार.<br />कारणों के जाल से<br />बाहर निकल,<br />अपनों से भरा,<br />अपनेपन से भरा<br />एक सुंदर सा संसार<br />बसा पाता<br />तो दर्पण का मुझमें,<br />मेरा दर्पण में समाना<br />सार्थक हो जाताbahut sunder bhav....kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-77766713657636881782010-10-11T05:24:40.545-07:002010-10-11T05:24:40.545-07:00एक सुंदर सा संसार
बसा पाता
तो दर्पण का मुझमें,
मेर...एक सुंदर सा संसार<br />बसा पाता<br />तो दर्पण का मुझमें,<br />मेरा दर्पण में समाना<br />सार्थक हो जाता। <br /><br />-अति सुन्दर अभिलाषा...Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-15280028426137042352010-10-11T04:02:59.812-07:002010-10-11T04:02:59.812-07:00बहुत ही खुबसूरत..सुन्दर भाव..यूँ ही लिखते रहें.......बहुत ही खुबसूरत..सुन्दर भाव..यूँ ही लिखते रहें....<br />मेरे ब्लॉग पर इस बार<br /><br /><a href="http://i555.blogspot.com/2010/10/blog-post_11.html" rel="nofollow">एक और आईडिया....</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-82170239412905894182010-10-11T01:30:07.352-07:002010-10-11T01:30:07.352-07:00मेरा मुझसे परिचय हो जाए तो बहुत सारे प्रश्न यू ही ...मेरा मुझसे परिचय हो जाए तो बहुत सारे प्रश्न यू ही हल् हो जाएंगे। <b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। <br />या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते।<br />नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।<br />नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!</b><br /><a href="http://manojiofs.blogspot.com/2010/10/blog-post_11.html" rel="nofollow">दुर्नामी लहरें, को याद करते हैं वर्ल्ड डिजास्टर रिडक्शन डे पर , मनोज कुमार, “मनोज” पर! </a>मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-84928836734563834102010-10-11T01:22:37.390-07:002010-10-11T01:22:37.390-07:00कारणों के जाल से
बाहर निकल,
अपनों से भरा,
अपनेपन स...कारणों के जाल से<br />बाहर निकल,<br />अपनों से भरा,<br />अपनेपन से भरा<br />एक सुंदर सा संसार<br />बसा पाता<br />तो दर्पण का मुझमें,<br />मेरा दर्पण में समाना<br />सार्थक हो जाता। <br />जब ये हो जायेगा फिर और कोई चाहना नही बचेगी…………।बेहद उम्दा पर्स्तुति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-35021593267352417332010-10-11T01:06:28.044-07:002010-10-11T01:06:28.044-07:00"ढूंढ पाता
उसके पीछे का राज
अपने भीतर,
कर पात..."ढूंढ पाता<br />उसके पीछे का राज<br />अपने भीतर,<br />कर पाता<br />उसमें सुधार.<br />कारणों के जाल से<br />बाहर निकल,<br />अपनों से भरा,<br />अपनेपन से भरा<br />एक सुंदर सा संसार<br />बसा पाता<br />तो दर्पण का मुझमें,<br />मेरा दर्पण में समाना<br />सार्थक हो जाता। ".... सुंदर रचा.. ऐसे दर्पण में सब सामना चाहेगा..अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-65423670536929858232010-10-10T23:57:29.882-07:002010-10-10T23:57:29.882-07:00aankhen band kijiye ho jayega khud se akakar apna ...aankhen band kijiye ho jayega khud se akakar apna aapरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com