tag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post4213488341020329932..comments2023-09-20T08:51:12.052-07:00Comments on Ghonsla: ठहरा हुआ बचपनRajivhttp://www.blogger.com/profile/05867052446850053694noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-57537256913376041712011-01-14T01:04:18.751-08:002011-01-14T01:04:18.751-08:00मेरा तो नहीं पर हाँ मेरे पापा का बचपन जरूर ऐसा ही ...मेरा तो नहीं पर हाँ मेरे पापा का बचपन जरूर ऐसा ही था.... वो यही बताते हैं...<br />पर हाँ, बचपन कोई हो, किसी का हो, कैसा भी हो... भुलाया नहीं जा सकता.. <br />शुक्रिया इस कविता से मिलवाने के लिए...<br />मकर संक्रांति, लोहरी एवं पोंगल की हार्दिक शुभकामनाएं...POOJA...https://www.blogger.com/profile/03449314907714567024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-61684662902894549002011-01-13T03:48:09.575-08:002011-01-13T03:48:09.575-08:00सही कहा आपने...बचपन कभी भुलाया नहीं जा सकता..
बहु...सही कहा आपने...बचपन कभी भुलाया नहीं जा सकता..<br /><br />बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण मनमोहक रचना...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-14298963679563556492011-01-10T08:28:18.066-08:002011-01-10T08:28:18.066-08:00बहुत ही प्यारी रचना ! इस रचना को पढ़ कर बचपन की ना ...बहुत ही प्यारी रचना ! इस रचना को पढ़ कर बचपन की ना जाने कितनी यादें जेहन में ताज़ा हो गयीं ! इतनी सुन्दर रचना के लिये बधाई एवं आभार !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-40713093236860754232011-01-09T07:28:44.546-08:002011-01-09T07:28:44.546-08:00बचपन के दिन भी क्या दिन थे
माँ मेरा मेरा बचपन लौट...बचपन के दिन भी क्या दिन थे <br />माँ मेरा मेरा बचपन लौटा दोगुड्डोदादीhttps://www.blogger.com/profile/10381007322183223193noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-86383412628425259612011-01-09T01:53:14.236-08:002011-01-09T01:53:14.236-08:00राजीव जी, यह तो वो खोई हुई दौलत है जिसकी कीमत हम ह...राजीव जी, यह तो वो खोई हुई दौलत है जिसकी कीमत हम हर दिन महसूस करते हैं और जो ख़र्च हो गया उसे दुबारा न हासिल कर पाने का मलाल सालता है हमें.<br />मगर आज के बदले हालत में तो ये आलम है कि<br /><b>मेरे दिल के किसी कोने में इक मासूम सा बच्चा,<br />बड़ों की देखकर दुनिया, बड़ा होने से डरता है!</b>चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-63953829472672638742011-01-09T01:21:17.545-08:002011-01-09T01:21:17.545-08:00... umdaa !!... umdaa !!नया सवेराhttps://www.blogger.com/profile/14420198613329878532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-20819122293413821202011-01-08T22:16:36.116-08:002011-01-08T22:16:36.116-08:00Dr Tarif Daral
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बचपन की सुनहरी यादें पढ़कर ब...Dr Tarif Daral<br /> to me<br />बचपन की सुनहरी यादें पढ़कर बहुत अच्छा लगा ।<br />गाँव तो अभी भी वैसे ही होते हैं । बस हम बदल गए हैं ।<br />लेकिन कोई पछतावा भी नहीं ।Rajivhttps://www.blogger.com/profile/05867052446850053694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-38369480558377708612011-01-08T20:37:56.142-08:002011-01-08T20:37:56.142-08:00बेहतरीन रचना है... बहुत खूब!!!बेहतरीन रचना है... बहुत खूब!!!Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-88719453338352035052011-01-08T19:25:44.772-08:002011-01-08T19:25:44.772-08:00हरीश गुप्त
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सुन्दर कविता। भावों में गहनता वि...हरीश गुप्त<br /> to me<br />सुन्दर कविता। भावों में गहनता विरल है।<br /> <br />आभार,<br /> <br />हरीशRajivhttps://www.blogger.com/profile/05867052446850053694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-1372730500245100832011-01-08T19:24:54.310-08:002011-01-08T19:24:54.310-08:00Rahul Singh
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मन में ही सही, कुलांचे मारता रह...Rahul Singh<br /> to me<br />मन में ही सही, कुलांचे मारता रहे बचपन. आपका ब्लॉग पेज खुल नहीं रहा है, सो यहीं टिप्पणी लगा रहा हूं.Rajivhttps://www.blogger.com/profile/05867052446850053694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-7727048051549168712011-01-08T07:33:57.421-08:002011-01-08T07:33:57.421-08:00शानदार, बचपन की यादों को उभारती रचना|शुभकामनाएं|शानदार, बचपन की यादों को उभारती रचना|शुभकामनाएं|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-7761606871214629952011-01-08T07:31:36.620-08:002011-01-08T07:31:36.620-08:00बचपन और गाँव की कहानी,
शहरों में ढूढ़ते हैं वही नि...बचपन और गाँव की कहानी,<br />शहरों में ढूढ़ते हैं वही निशानी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-67027504546877347672011-01-08T07:30:07.896-08:002011-01-08T07:30:07.896-08:00दिल को छोऊने वाली रचना .नव वर्ष की हार्दिक शुभकामन...दिल को छोऊने वाली रचना .नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.Meenu Kharehttps://www.blogger.com/profile/12551759946025269086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-22755439656911129432011-01-08T07:22:36.967-08:002011-01-08T07:22:36.967-08:00बहुत अच्छी प्रस्तुति. हर दिन किसी न किसी बहाने बचप...बहुत अच्छी प्रस्तुति. हर दिन किसी न किसी बहाने बचपन की कोई न कोई बात सामने आती ही रहती है और हमें बचपन से बाहर नहीं जाने देतीरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-21473789806076432972011-01-08T07:13:51.543-08:002011-01-08T07:13:51.543-08:00बहुत ही सुंदर लिखा है...
वाकई हम बड़े हो गए हैं ले...बहुत ही सुंदर लिखा है...<br />वाकई हम बड़े हो गए हैं लेकिन अभी भी मां-पिता के किस्सों में खोया बचपन....बचपन ठहर गया है हमारी यादों में...<br />अच्छी रचना के लिए बधाई...वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-64421835653783805642011-01-08T07:11:25.311-08:002011-01-08T07:11:25.311-08:00शानदार, बचपन की यादों को उभारती रचना!!
बेशक !
आज ...शानदार, बचपन की यादों को उभारती रचना!!<br /><br />बेशक !<br />आज हम बड़े हो गए हैं,<br />अपने पैरों पर खड़े हो गए हैं.<br />पर,आज भी<br />ठहरा हुआ है बचपन<br />हमारी यादों में<br />पूरी शिद्दत से.सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-50945566324771842632011-01-08T06:57:27.519-08:002011-01-08T06:57:27.519-08:00ऐसी कवितायेँ ही मन में उतरती हैं ॥ऐसी कवितायेँ ही मन में उतरती हैं ॥संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5257690337924711728.post-25489498254657514482011-01-08T06:54:41.554-08:002011-01-08T06:54:41.554-08:00बहुत बढ़िया,
बड़ी खूबसूरती से कही अपनी बात आपने......बहुत बढ़िया,<br />बड़ी खूबसूरती से कही अपनी बात आपने.....<br />पूरी कविता दिल को छू कर वही रहने की बात कह रही है !संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com